Join WhatsApp
Follow Google News - NayiJankari.in

मिठाई में मिलावट या लापरवाही? – हापुड़ में बना घेवर खाकर मेरठ में 40 से ज्यादा लोग बीमार

By
On:
Follow Us

हम आपको एक ऐसे गंभीर खाद्य सुरक्षा मामले के बारे में विस्तार से जानकारी देने जा रहे हैं, जिसमें हापुड़ से खरीदे गए घेवर को खाने के बाद मेरठ, गाजियाबाद और हापुड़ के लगभग 40 से अधिक लोगों की तबीयत अचानक बिगड़ गई। यह मामला न सिर्फ एक खाद्य उत्पाद की गुणवत्ता पर सवाल उठाता है, बल्कि त्योहारों और आयोजनों में मिठाइयों की खरीद से जुड़ी हमारी सतर्कता को भी चुनौती देता है।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

घटना की शुरुआत: घेवर से बीमारी फैलने का पूरा घटनाक्रम

13 जुलाई को गाजियाबाद जिले के डासना निवासी हाजी युसूफ के दामाद फैजल ने हापुड़ के पुराना बाजार स्थित “हापुड़ स्वीट्स” नामक मिठाई की दुकान से करीब 35 किलो घेवर खरीदा। इसमें से लगभग 4 किलो घेवर अपने घर डासना में रखा गया और बाकी 31 किलो घेवर मेरठ भेज दिया गया।

यह घेवर मेरठ के शालीमार कॉलोनी स्थित 40 फुटा रोड निवासी हाजी नईम और हाजी नसीम के यहां एक कार्यक्रम में बांटा गया। 14 जुलाई को कार्यक्रम में आए रिश्तेदारों को जैसे ही घेवर परोसा गया, कुछ ही घंटों में सभी की तबीयत बिगड़ने लगी।

लक्षण और इलाज:

  • उल्टी
  • पेट में तेज दर्द
  • कमजोरी और बेहोशी

40 से ज्यादा लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
इनमें से अधिकतर को तो सोमवार रात तक छुट्टी दे दी गई, लेकिन मेरठ के श्यामनगर क्षेत्र में रहने वाले शाहिद के परिवार के 7 सदस्य ICU में भर्ती हैं।

सबसे गंभीर स्थिति:

  • मेरठ के गढ़ रोड स्थित श्यामनगर छप्पर वाली मस्जिद के पास निवासी शाहिद के परिवार के 7 लोग ICU में भर्ती हैं।
  • गंभीर रूप से बीमार लोगों के नाम:
    नीलिमा, इलमा, अल्कमा, बाबू, सुहेल, अल्ताफ अली, रज्जो, युसूफ, शाइस्ता, युनूस

बीमार लोगों की संख्या और स्थान

स्थानबीमार लोगों की संख्यागंभीर हालत मेंअस्पताल का नाम/स्थिति
मेरठ287ICU में भर्ती
गाजियाबाद61उपचार जारी
हापुड़80सामान्य स्थिति
कुल428ज्यादातर को छुट्टी मिल गई

प्रशासन की त्वरित कार्रवाई

जैसे ही घटना की जानकारी मेरठ और हापुड़ प्रशासन को लगी, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की टीम ने त्वरित कार्रवाई की।

लिए गए नमूने:

  • घेवर
  • मावा
  • मैदा
  • तेल

इन सभी नमूनों को प्रयोगशाला में भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद मिठाई विक्रेता पर सख्त कार्रवाई हो सकती है।

जिम्मेदार कौन?

हापुड़ स्वीट्स (हाजी इदरीस की दुकान) से खरीदा गया यह घेवर मिठाई के नाम पर लापरवाही की मिसाल बन गया है। बताया जा रहा है कि इस दुकान से पूर्व में भी शिकायतें आ चुकी हैं। अब सवाल उठता है –

  • क्या मिठाई में कोई रसायन मिलाया गया था?
  • क्या मावा और तेल की शेल्फ लाइफ पूरी हो चुकी थी?
  • क्या दुकान की सफाई व्यवस्था खराब थी?

स्वास्थ्य अधिकारियों की चेतावनी

मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी पंकज कुमार ने साफ कहा है कि इस तरह के त्योहारों में लोग ज्यादा मिठाइयां खरीदते हैं, जिससे कुछ दुकानदार अस्वास्थ्यकर तरीके से मिठाई तैयार करके बेच देते हैं।

सलाह:

“इस समय लोग बाजार के खान-पान से बचें, खासतौर पर नालों या गंदगी के पास लगने वाली रेहड़ी-पटरी से खाद्य पदार्थ न खरीदें।”

स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया

स्थानीय निवासियों और कार्यक्रम में शामिल लोगों में इस घटना को लेकर गहरा आक्रोश है। मोहम्मद शान, जो मेरठ के निवासी हैं, उन्होंने थाने में शिकायत भी दर्ज करवाई है। मिठाई विक्रेता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है।

मिठाइयों में मिलावट के आम कारण

भारत में त्योहारों या विवाह कार्यक्रमों में मिठाइयों में मिलावट की घटनाएं बहुत आम हैं। इसके मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:

  1. सस्ते दाम पर उत्पादन: गुणवत्ता को नजरअंदाज कर सस्ता माल तैयार किया जाता है।
  2. खराब मावा/तेल का प्रयोग
  3. शुद्धता की कोई जांच नहीं होती
  4. स्टोर करने की खराब व्यवस्था
  5. जल्दबाज़ी में तैयार माल

कैसे पहचानें कि मिठाई खराब है?

लक्षणपहचान
रंग ज्यादा चमकीलाकृत्रिम रंग का संकेत
मिठाई की गंध खराबबासी होने का प्रमाण
तले हुए पदार्थों का रंग कालापुराने तेल का प्रयोग
मावा से बदबू आनासड़े हुए मावा की पहचान

आप कैसे बच सकते हैं ऐसे मामलों से?

  • हमेशा FSSAI प्रमाणित दुकान से मिठाई खरीदें
  • बिल जरूर लें ताकि शिकायत की जा सके
  • मिठाई का रंग, गंध, और बनावट जांचें
  • अगर कोई मिठाई सामान्य से ज्यादा चमकीली, नरम या गंधयुक्त हो तो न खाएं

सरकार से अपेक्षाएं

  • अधिक सैंपल जांच की व्यवस्था
  • मिठाई दुकानों की नियमित निगरानी
  • त्योहारों से पहले विशेष जांच अभियान
  • FSSAI नियमों का सख्ती से पालन

क्या करें अगर आपको भी किसी खाद्य पदार्थ से परेशानी हो?

तुरंत 1910 (FSSAI हेल्पलाइन) पर कॉल करें।

स्थानीय खाद्य सुरक्षा अधिकारी से संपर्क करें।

खरीद की रसीद और बचा हुआ खाद्य पदार्थ सुरक्षित रखें।

नजदीकी पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज कराएं।

निष्कर्ष

हापुड़ से खरीदे गए घेवर ने न सिर्फ मेरठ बल्कि गाजियाबाद और हापुड़ के कई परिवारों को अस्पताल पहुंचा दिया। इस घटना से साफ होता है कि हमें मिठाई खरीदते समय बेहद सतर्क रहना होगा। प्रशासन ने भले ही त्वरित कार्रवाई की हो, लेकिन जब तक दुकानदार खुद जिम्मेदारी नहीं निभाते, तब तक ऐसी घटनाएं रुकना मुश्किल हैं।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

Aarohi Chaudhary

नमस्ते, मैं Aarohi Chaudhary हूं। पिछले 3 वर्षों से लेखन की दुनिया में अपनी पहचान बना रही हूं। मैंने कई वेबसाइट्स के लिए ऐसी सामग्री तैयार की है जो न केवल जानकारीपूर्ण हो, बल्कि पाठकों से गहराई से जुड़ सके। लेखन मेरे लिए सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि आत्म-अभिव्यक्ति का माध्यम है। मेरा लक्ष्य है—हर शब्द से कहानी कहना और हर वाक्य से प्रभाव छोड़ना।

Join Our WhatsApp Channel

Leave a Comment