मैं आरोही चौधरी, और आज मैं आपके लिए एक बेहद महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आई हूं जो दिल्लीवासियों की ट्रैफिक की समस्या से जुड़ी है।

दिल्ली की सड़कों पर दिन-प्रतिदिन बढ़ते ट्रैफिक जाम से हर कोई परेशान है। लेकिन अब इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। नेताजी सुभाष प्लेस (NSP) से रोहिणी हेलीपोर्ट तक के 12 किलोमीटर लंबे मार्ग को सिग्नल-फ्री कॉरिडोर में बदलने की तैयारी है। इस बदलाव में 13 ट्रैफिक सिग्नल बंद किए जाएंगे और करीब 25 यू-टर्न बनाए जाएंगे, जिससे ट्रैफिक की रफ्तार बढ़ेगी और जाम से राहत मिलेगी।
Contents
- दिल्ली में सिग्नल फ्री कॉरिडोर की शुरुआत: ट्रैफिक जाम से राहत
- यह योजना क्यों बनी?
- किन ट्रैफिक सिग्नल को किया जाएगा बंद?
- कितने यू-टर्न बनाए जाएंगे?
- जिन चौराहों पर भी बदलाव होंगे:
- दिल्ली ट्रैफिक जाम की वर्तमान स्थिति
- इससे लोगों को क्या फायदा होगा?
- कैसे हो रहा है काम?
- यह सिर्फ एक पायलट प्रोजेक्ट है
- चुनौतियाँ और समाधान
- नागरिकों की प्रतिक्रिया
- निष्कर्ष:
दिल्ली में सिग्नल फ्री कॉरिडोर की शुरुआत: ट्रैफिक जाम से राहत
दिल्ली में रोजाना लाखों वाहन सड़क पर दौड़ते हैं, जिससे कई जगहों पर भारी जाम लगता है। लेकिन अब इस समस्या को सुलझाने के लिए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने एक नई योजना तैयार की है। इसके तहत दिल्ली के सबसे व्यस्त रूट्स में से एक – एनएसपी से रोहिणी हेलीपोर्ट तक के मार्ग को सिग्नल फ्री बनाया जा रहा है।
यह योजना क्यों बनी?
हकीकत नगर से किंग्सवे कैंप तक हुए ट्रायल के अच्छे नतीजे
इससे पहले हकीकत नगर से किंग्सवे कैंप तक एक कॉरिडोर पर सिग्नल हटाकर यू-टर्न सिस्टम अपनाया गया था। इसका बेहतरीन परिणाम देखने को मिला – ट्रैफिक लगातार चलता रहा, जाम नहीं लगा और सड़क पर रफ्तार बनी रही।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त मोनिका भारद्वाज ने बताया कि, “यू-टर्न से गाड़ियों को बिना रुके घुमाया जा सकता है, जिससे जाम नहीं लगता।”
किन ट्रैफिक सिग्नल को किया जाएगा बंद?
इस योजना के अंतर्गत 13 ट्रैफिक सिग्नल बंद किए जाएंगे, जिनकी सूची इस प्रकार है:
क्रम संख्या | ट्रैफिक सिग्नल स्थान |
---|---|
1 | एनएसपी |
2 | कोहाट |
3 | आशियाना चौक |
4 | मधुबन चौक |
5 | अग्निशमन सेवा प्रशिक्षण केंद्र |
6 | साई बाबा चौक |
7 | हिमालयन स्कूल |
8 | गीतारत्न स्कूल |
9 | बैंक मोड़ |
10 | सेक्टर-24 |
11 | सेक्टर-25 |
12 | अशोक चौक |
13 | पंसाली चौक |
नोट: रिठाला मेट्रो स्टेशन, रोहिणी पश्चिम मेट्रो स्टेशन और राजीव गांधी कैंसर अस्पताल के पास के सिग्नल पहले ही बंद किए जा चुके हैं।
कितने यू-टर्न बनाए जाएंगे?
इस परियोजना के तहत करीब 25 यू-टर्न बनाए जाएंगे, जिनमें से:
- 10 यू-टर्न को भारी वाहनों (ट्रक, बस, आदि) के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया जाएगा।
- बाकी यू-टर्न हल्के वाहनों के लिए होंगे।
इन यू-टर्न को इस प्रकार से डिजाइन किया जाएगा कि सड़क पर रुकावट कम से कम हो और वाहन आसानी से मुड़ सकें।
जिन चौराहों पर भी बदलाव होंगे:
- मधुबन चौराहा
- साई बाबा चौराहा
- पंसाली चौराहा
- अशोक चौक
इन चौराहों पर भी ट्रैफिक सिग्नल बंद कर यू-टर्न की सुविधा दी जाएगी।
दिल्ली ट्रैफिक जाम की वर्तमान स्थिति
दिल्ली में रोजाना लाखों वाहन सड़कों पर चलते हैं। ट्रैफिक जाम आम बात हो गई है। खासकर सुबह और शाम के ऑफिस टाइम पर मधुबन चौक, एनएसपी, कोहाट एनक्लेव जैसे इलाके जाम के लिए कुख्यात हैं। यही कारण है कि दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को सिग्नल फ्री मॉडल की ओर जाना पड़ा।
इससे लोगों को क्या फायदा होगा?
लाभ | विवरण |
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समय की बचत | बिना रुकावट ट्रैफिक चलने से यात्रा समय कम होगा |
ईंधन की बचत | ट्रैफिक में फंसे बिना सफर करने से ईंधन बचेगा |
प्रदूषण में कमी | गाड़ियों का इंजन बंद न होने से प्रदूषण घटेगा |
ट्रैफिक फ्लो में सुधार | निरंतर गति से चलने वाला ट्रैफिक, बेहतर ट्रैफिक व्यवस्था |
पैदल यात्रियों की सुविधा | यू-टर्न और सिग्नल फ्री सिस्टम में पैदल यात्रियों के लिए अलग फुटपाथ की योजना |
कैसे हो रहा है काम?
- पूरी योजना 3-6 महीने में लागू हो जाएगी।
- प्रोजेक्ट की शुरुआत एनएसपी और पंसाली सिग्नल से हो चुकी है।
- हर सिग्नल को धीरे-धीरे हटाया जाएगा ताकि जनता को कोई समस्या न हो।
यह सिर्फ एक पायलट प्रोजेक्ट है
यह योजना फिलहाल एक पायलट प्रोजेक्ट है। यानी इसे एक विशेष क्षेत्र में प्रयोग के तौर पर लागू किया जा रहा है। यदि इसके सकारात्मक परिणाम मिलते हैं तो इसे दिल्ली के अन्य भीड़भाड़ वाले इलाकों जैसे:
- आईटीओ
- साउथ दिल्ली (नेहरू प्लेस, साकेत)
- पूर्वी दिल्ली (लक्ष्मी नगर, मंडावली)
में भी लागू किया जाएगा।
चुनौतियाँ और समाधान
चुनौती | समाधान |
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भारी वाहन के यू-टर्न में जगह की कमी | बड़े यू-टर्न की चौड़ाई बढ़ाई जा रही है |
पैदल यात्रियों की सुरक्षा | फुट ओवर ब्रिज और ज़ेब्रा क्रॉसिंग का विकास |
जनता की आदत बदलना | सूचना बोर्ड, मोबाइल अलर्ट और ट्रैफिक वॉलेंटियर तैनात किए जाएंगे |
नागरिकों की प्रतिक्रिया
अनिल शर्मा (रहवासी, रोहिणी): “अगर ये योजना सफल होती है तो रोज का जाम खत्म हो जाएगा। ऑफिस के लिए निकलने पर रोज 15-20 मिनट जाम में लगते हैं।”
सोनिया गुप्ता (कॉलेज स्टूडेंट): “यू-टर्न से ट्रैफिक फ्लो बेहतर होगा, लेकिन शुरुआत में थोड़ा कन्फ्यूजन हो सकता है।”
निष्कर्ष:
दिल्ली जैसे महानगर में ट्रैफिक जाम से निपटना एक बड़ी चुनौती है। लेकिन 13 ट्रैफिक सिग्नल हटाकर 25 यू-टर्न बनाने का यह कदम एक बड़ा बदलाव ला सकता है। यदि यह योजना सफल रही, तो न सिर्फ ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी, बल्कि ईंधन और समय की भी बचत होगी।
यह पहल “स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट” की ओर दिल्ली का एक महत्वपूर्ण कदम है। आने वाले समय में यह मॉडल देश के अन्य शहरों के लिए भी एक प्रेरणा बन सकता है।