मैं आरोही चौधरी, आज आपके लिए एक बेहद जरूरी और हालिया खबर लेकर आई हूं, जो ना केवल यात्रियों की सुरक्षा से जुड़ी है बल्कि एविएशन इंडस्ट्री पर भी बड़ा प्रभाव डाल सकती है। यह घटना भारत की राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर घटी है, जहां एयर इंडिया की एक फ्लाइट लैंडिंग के दौरान आग की चपेट में आ गई। इस लेख में हम आपको इस घटना से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी देंगे, साथ ही सुरक्षा उपायों, यात्रियों की प्रतिक्रिया और सरकार व एयरलाइन की प्रतिक्रिया पर भी नजर डालेंगे।
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एयर इंडिया फ्लाइट AI 315 में लगी आग: जानिए क्या हुआ था

घटना की तारीख और उड़ान विवरण
विवरण | जानकारी |
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फ्लाइट नंबर | AI 315 |
प्रस्थान स्थल | हांगकांग |
आगमन स्थल | इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, दिल्ली |
तारीख | 22 जुलाई 2025 |
एयरलाइन | एयर इंडिया |
घटना का समय | लैंडिंग और पार्किंग के तुरंत बाद |
प्रभावित यूनिट | APU (Assistant Power Unit) |
22 जुलाई 2025 को एयर इंडिया की फ्लाइट AI 315 ने हांगकांग से दिल्ली के लिए उड़ान भरी थी। यह विमान दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लैंड करने ही वाला था कि अचानक उसमें आग लग गई।
आग कैसे लगी?
फ्लाइट की लैंडिंग के बाद, जब वह पार्किंग गेट की ओर बढ़ रही थी, तभी उसमें लगे असिस्टेंट पावर यूनिट (APU) में अचानक आग लग गई।
क्या होता है APU?
APU यानी Auxiliary Power Unit एक छोटा गैस टरबाइन इंजन होता है, जो पार्किंग के समय विमान को बिजली और एयर कंडीशनिंग जैसी सहायक सुविधाएं देता है। यह इंजन फ्लाइट के इंजन बंद होने के बाद विमान को कार्यशील रखता है।
घटना के समय यात्रियों की स्थिति
खुशकिस्मती से, आग लगने की घटना उस समय हुई जब अधिकतर यात्री विमान से उतर चुके थे। बचाव दल ने समय पर मोर्चा संभाला और किसी भी यात्री या क्रू को कोई नुकसान नहीं हुआ। एयर इंडिया की ओर से कहा गया कि सभी यात्री और क्रू मेंबर्स पूरी तरह सुरक्षित हैं।
एयर इंडिया और DGCA की प्रतिक्रिया
एयर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा:
“फ्लाइट AI 315 के लैंडिंग के तुरंत बाद APU में आग लगी। यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए फ्लाइट को रोक दिया गया और सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।”
वहीं DGCA (Directorate General of Civil Aviation) ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है और एयर इंडिया से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है।
यात्रियों की प्रतिक्रिया
कुछ यात्रियों ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया साझा की:
राहुल मिश्रा (@rahulmishra): “एयर इंडिया को APU जैसे तकनीकी हिस्सों की जांच नियमित करनी चाहिए। यह बहुत खतरनाक हो सकता था।”
वेदिका शर्मा (@vedikasharma): “दिल्ली एयरपोर्ट पर AI 315 की फ्लाइट से उतरने के बाद जब धुआं देखा तो डर लगा। शुक्र है कि सब सुरक्षित हैं।”
सुरक्षा उपाय और भविष्य की रणनीति
इस घटना के बाद कई सवाल खड़े होते हैं:
- क्या एयर इंडिया नियमित रूप से अपने विमानों के APU और अन्य तकनीकी उपकरणों की जांच करती है?
- क्या दिल्ली एयरपोर्ट की इमरजेंसी सेवा तेज़ और सक्षम है?
- DGCA इस घटना के बाद किन नीतियों में बदलाव करेगा?
एयरपोर्ट सुरक्षा सिस्टम
दिल्ली एयरपोर्ट पर पहले से ही एक इमरजेंसी रेस्पॉन्स सिस्टम मौजूद है जिसमें:
- फायर ब्रिगेड
- इमरजेंसी मेडिकल यूनिट
- ट्रेन्ड ग्राउंड स्टाफ
- अलार्म सिस्टम
इन सभी ने तेजी से कार्रवाई की जिससे कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।
एयर इंडिया की पिछली घटनाएं: एक नजर
तारीख | घटना |
2023 | AI 102 (लंदन से दिल्ली) में खराब मौसम के कारण इमरजेंसी लैंडिंग |
2024 | AI 189 (मुंबई से टोरंटो) में इंजन फेल होने पर मिड-एयर अलर्ट |
2025 | AI 315 में APU में आग |
इन घटनाओं से साफ है कि एयर इंडिया को अपने तकनीकी निरीक्षणों को और भी अधिक गंभीरता से लेना होगा।
एयरलाइन यात्रियों को कैसे सुरक्षित रख सकती है?
फ्लाइट के सभी तकनीकी पहलुओं की जांच लैंडिंग और टेक-ऑफ से पहले और बाद में
नियमित मैकेनिकल चेकअप
पायलट्स और क्रू को इमरजेंसी ट्रेनिंग
यात्रियों के लिए सुरक्षा ब्रिफिंग
निष्कर्ष
22 जुलाई 2025 को दिल्ली एयरपोर्ट पर हुई यह घटना एक चेतावनी है कि विमान सुरक्षा में कोई भी चूक खतरनाक साबित हो सकती है। हालांकि एयर इंडिया और एयरपोर्ट प्रशासन ने तत्परता से स्थिति को संभाल लिया, लेकिन भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए और अधिक सख्ती और तकनीकी सुधार की आवश्यकता है।