मैं आरोही चौधरी हूं और आज मैं आपके सामने एक बेहद संवेदनशील और दुखद घटना की पूरी जानकारी साझा कर रही हूं, जो हाल ही में एयर इंडिया विमान हादसे के बाद सामने आई है। यह मामला न सिर्फ तकनीकी खामी या लापरवाही से जुड़ा है, बल्कि इसमें इंसानियत को झकझोर देने वाली अमानवीय हरकतें भी शामिल हैं। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि आखिर क्या हुआ एयर इंडिया विमान हादसे में, कैसे हुई शवों की अदला-बदली, पीड़ित परिवारों की क्या प्रतिक्रिया रही और अब यह मामला प्रधानमंत्री मोदी तक क्यों पहुंच रहा है।

Contents
- एयर इंडिया की अमानवीय हरकत: शवों की अदला-बदली से गुस्से में परिजन
- शवों की पहचान में गंभीर लापरवाही
- तालिका: शवों की अदला-बदली से जुड़े प्रमुख घटनाक्रम
- लंदन में डीएनए जांच से हुआ खुलासा
- परिवारों ने रोका अंतिम संस्कार
- पीएम मोदी से उठेगी मांग
- एविएशन वकीलों की प्रतिक्रिया
- एयर इंडिया की प्रतिक्रिया
- DGCA और AAIB की जांच रिपोर्ट
- सिस्टमिक फेलियर या अमानवीय लापरवाही?
- सोशल मीडिया पर गुस्सा
- अंतिम शब्द
- निष्कर्ष:
एयर इंडिया की अमानवीय हरकत: शवों की अदला-बदली से गुस्से में परिजन
12 जून 2025 को अहमदाबाद हवाई अड्डे से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट की ओर उड़ान भरते ही एयर इंडिया का बोइंग 787 विमान एक दर्दनाक हादसे का शिकार हो गया। इस भीषण दुर्घटना में कुल 261 लोग मारे गए, जिनमें 52 ब्रिटिश नागरिक भी शामिल थे। हालांकि हादसे के बाद राहत कार्यों की तेजी की सराहना हुई, लेकिन अब जो मामला सामने आया है वह न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि मानवता के लिए भी एक बड़ा सवाल खड़ा करता है।
शवों की पहचान में गंभीर लापरवाही
ब्रिटेन के कई परिवारों ने आरोप लगाया है कि एयर इंडिया द्वारा गलत शव उनके पास भेजे गए। एक से अधिक मामलों में मृतकों की पहचान गलत की गई और शवों को अन्य परिवारों को सौंप दिया गया। ब्रिटिश अखबार The Mirror की रिपोर्ट में बताया गया है कि एक ताबूत में एक से अधिक मृतकों के अवशेष थे, जिससे अंतिम संस्कार से पहले उन्हें अलग करना पड़ा।
तालिका: शवों की अदला-बदली से जुड़े प्रमुख घटनाक्रम
घटना | विवरण |
---|---|
हादसे की तारीख | 12 जून 2025 |
विमान संख्या | एयर इंडिया बोइंग 787 |
कुल मृतक | 261 |
ब्रिटिश नागरिक | 52 |
शव अदला-बदली मामले | 2 पुष्ट, कई संदिग्ध |
लंदन में डीएनए जांच से हुआ खुलासा
लंदन की डॉक्टर फिओना विलकॉक्स ने जब ब्रिटिश नागरिकों के शवों का डीएनए जांच किया, तब यह खुलासा हुआ कि शवों की पहचान में गंभीर त्रुटियां हुई हैं। कई शवों में दूसरे व्यक्तियों के अवशेष पाए गए। इससे पीड़ित परिवारों में गहरा आक्रोश फैल गया।
परिवारों ने रोका अंतिम संस्कार
गलत शव मिलने के कारण कई परिवारों को अपने प्रियजनों का अंतिम संस्कार रोकना पड़ा। यह पीड़ा उस समय और भी बढ़ गई जब उन्हें बताया गया कि उनके प्रियजन की पहचान गलत की गई है और शव किसी और का है। एक ब्रिटिश परिवार ने बताया कि जब उन्होंने ताबूत खोला तो उसमें उनके परिजन के बजाय किसी और का शव था।
पीएम मोदी से उठेगी मांग
ब्रिटेन के पीएम कीर स्टार्मर इस मुद्दे को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने उठाने की तैयारी कर रहे हैं। पीएम मोदी अगले सप्ताह लंदन यात्रा पर जाने वाले हैं। इस मौके पर ब्रिटिश सरकार पीड़ितों के परिजनों के दर्द और एयर इंडिया की लापरवाही का मुद्दा ज़रूर उठाएगी।
एविएशन वकीलों की प्रतिक्रिया
एविएशन मामलों के वरिष्ठ वकील जेम्स हेली प्राट ने कहा,
“परिवारों को पहले यही चाहिए था कि वे अपने प्रियजनों का अंतिम संस्कार ठीक से कर पाएं, लेकिन इस गलती ने उनकी मानसिक पीड़ा को और बढ़ा दिया है।”
एयर इंडिया की प्रतिक्रिया
इस बीच, एयर इंडिया ने बयान जारी कर कहा कि उन्होंने अपने बोइंग 787 और 737 विमानों में ईंधन नियंत्रण स्विच की लॉकिंग प्रणाली की जांच कर ली है और कोई तकनीकी खामी नहीं पाई गई है।
DGCA और AAIB की जांच रिपोर्ट
नागर विमानन सुरक्षा नियामक DGCA ने एयर इंडिया को आदेश दिया था कि वह 21 जुलाई तक अपने सभी विमानों की लॉकिंग प्रणाली की जांच कर ले। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने यह पाया कि दुर्घटना से पहले ईंधन स्विच बंद कर दिए गए थे, जिससे विमान के इंजन में ईंधन की आपूर्ति रुक गई और विमान क्रैश हो गया।
सिस्टमिक फेलियर या अमानवीय लापरवाही?
इस पूरे मामले में अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह सिर्फ तकनीकी त्रुटि थी या एक संगठित लापरवाही। शवों की अदला-बदली जैसी घटना केवल एक प्रशासनिक चूक नहीं हो सकती, बल्कि यह पूरे सिस्टम पर सवाल उठाती है।
सोशल मीडिया पर गुस्सा
ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर लोग एयर इंडिया और भारत सरकार के खिलाफ गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। कई लोगों ने मांग की है कि एयर इंडिया को मृतकों के परिवारों से माफी मांगनी चाहिए और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
अंतिम शब्द
मैं, आरोही चौधरी, आपसे यही कहना चाहती हूं कि ऐसी अमानवीय घटनाएं हमारे समाज और सिस्टम की कमजोरियों को उजागर करती हैं। जो लोग अपनों को खो चुके हैं, उन्हें सम्मानजनक अंतिम संस्कार और मानसिक संतुलन चाहिए। सरकार और एयर इंडिया दोनों की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे इस त्रुटि को गंभीरता से लें और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए स्पष्ट दिशानिर्देश तय करें।
निष्कर्ष:
- सोशल मीडिया पर जनता का गुस्सा साफ तौर पर झलक रहा है।
- एयर इंडिया हादसे में 261 लोगों की मौत हुई।
- शवों की पहचान में लापरवाही से कई परिवारों को गलत शव भेजे गए।
- पीएम मोदी से इस मामले को उठाने की तैयारी कर रहा है ब्रिटेन।
- एयर इंडिया की तकनीकी रिपोर्ट में लॉकिंग सिस्टम में कोई खामी नहीं पाई गई।