ब्राजील के मिनास गेरैस में हाल ही में एक ऐतिहासिक घटना घटी, जब भारतीय नेल्लोर नस्ल की गाय वियाटिना-19 को 40 करोड़ रुपये की अविश्वसनीय कीमत पर बेचा गया। इस बिक्री ने नया विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया और इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल किया गया। यह किसी भी गाय के लिए अब तक की सबसे महंगी बोली मानी जा रही है।

वियाटिना-19 अपनी असाधारण आनुवंशिकी, प्रभावशाली शारीरिक बनावट और भारी वजन के लिए प्रसिद्ध है। इसका वजन लगभग 1101 किलो है, जो इसे अन्य नेल्लोर नस्ल की गायों की तुलना में अधिक प्रभावशाली बनाता है। अपनी अनूठी बनावट और आकर्षक उपस्थिति के कारण, इस गाय ने ब्राजील में मिस साउथ अमेरिका का खिताब भी जीता है, जिससे यह वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बन गई है।
भारतीय नेल्लोर नस्ल की गायों की विशेषता उनके मजबूत जीन और उच्च गुणवत्ता वाले प्रजनन में निहित है। ये गायें कठिन जलवायु परिस्थितियों में भी जीवित रह सकती हैं और उत्कृष्ट रोग प्रतिरोधक क्षमता रखती हैं। विशेष रूप से भारत के आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्यों में पाई जाने वाली यह नस्ल अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी लोकप्रिय हो रही है।

इन गायों की प्रमुख विशेषताओं में कम देखभाल में भी जीवित रहने की क्षमता शामिल है, जिससे किसान इन्हें पालने में अधिक रुचि ले रहे हैं। साथ ही, ये गायें डेयरी और कृषि क्षेत्र के लिए अत्यधिक फायदेमंद साबित होती हैं।
वियाटिना-19 की ऐतिहासिक बिक्री से नेल्लोर नस्ल की गायों की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। यह सौदा भारतीय डेयरी और कृषि उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है, जिससे भविष्य में इस नस्ल के प्रजनन और संरक्षण को और अधिक बढ़ावा मिलने की संभावना है।